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कर साहित्य से समाज तक दीनता ह्रदय मातृभाषा का सम्मान करें स्वार्थ उलझन मैं भर दें परमार्थ त्याग hindikavita प्यार हिन्दी साहित्य को बढा़वा दें सरकार मनुजता जीवन स्वार्थ भाव त्याग कर विनम्रता जिंदगी

Hindi स्वार्थ भाव को त्याग दें Poems